हिंदुस्तान स्टील एम्पलईस यूनियन के डीएसपी और एएसपी (सीमंत चटर्जी, निखिल दास, सौरव दत्ता) के प्रतिनिधियों, सीटू की पश्चिम बंगाल राज्य समिति के सम्पादक मडली के सदस्य और हिंदुस्तान स्टील एम्प्लाईज यूनियन (सीटू) के अध्यक्ष बिश्वरूप बंद्योपाध्याय के नेतृत्व में आज डीएमसी कार्यालय का दौरा किया। आधिकारिक कमिशनर मयूरी वासु (आईएएस) और दुर्गापुर एसडीओ शेखर कुमार चौधरी (आईएएस) उनसे मुलाकात करने के लिए एक ज्ञापन लेकर गए, जिसमें नाम बदलकर "लेनिन सरानी" करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई थी।
मांग की जाती है कि पूरी दुनिया में मेहनतकश लोगों के सबसे अच्छे दोस्त लेनिन का नाम लिए बिना एक नई सड़क बनाई जाए और उसमें अन्य प्रमुख लोगों का नाम लिया जाए। नई सड़क बनाने की मांग की गयी ज्ञापन में।कहा जाता है कि कार्ल मार्क्स, नेल्सन मंडेला, लेनिन, आइंस्टीन, न्यूटन, मार्कोनी, एनी बेसेंट जैसे लोगों को दूसरे देशों से दूर रखने की कोशिश करना हास्यास्पद है।
यूनियन का मानना है श्रमिकों के बसे दुर्गापुर के दिल से लेनिन को हटाने की कोशिश को मजदूर वर्ग का अपमान कहा जाता है।कहा जाता है कि वाम मोर्चा की सरकार आने से पहले भी सोवियत संघ द्वारा निर्मित एमएएमसी जैसे फैक्ट्री क्षेत्र में सड़क का नाम लेनिन स्ट्रीट रखने के ऐतिहासिक महत्व को नहीं भूलना चाहिए।आज अलग-अलग बैठे हैं दो प्रशासक को दिया गया अलग-अलग ज्ञापन।
दोनों प्रशासक, कम से कम आज, बहुत सकारात्मक तरीके से चर्चा करते हैं और अपनी बात को सही जगह पर रखने का वादा भी किआ हैं। इसके ऊपर एक प्रेस नॉट जारी किया गया यूनियन की तरफ से।